संजू सैमसन – भारत का युवा टॉप बटर

संजू सैमसन का नाम सुनते ही कई लोग क्रिकेट का जुनून याद करते हैं। वह एक ऐसे लौह खिलाड़ी हैं जिनकी बल्ले की आवाज़ अक्सर स्टेडियम में गूँजती है। अगर आप उनका खेल अभी तक नहीं देख पाए, तो इस लेख में हम उनके करियर, बैटिंग स्टाइल और कप्तान के रूप में भूमिका पर बात करेंगे।

बल्लेबाज़ी का अंदाज़

संजू का सबसे बड़ा गुण है उनका पावरहिटिंग मस्तिष्क। वह आराम से 30-40 में ही रिफ़रेंस फॉर्मेट बदल देते हैं। अपने शुरुआती दिनों में उन्होंने रिक्रूटमेंट ट्राईआउट में भी भरपूर रेटिंग हासिल की थी, इसलिए कोचेज़ ने उन्हें जल्दी ही हाई कंट्रोल बाउंस वाले पिचों पर इस्तेमाल किया। उनका क्लासिक गट-टर्न और साइड-लेग स्यूट उन्हें अलग बनाता है।

बल्ले की टॉप लोडिंग और तेज़ बैकट्रांसिशन उनकी स्ट्राइक रेट को बढ़ाते हैं। तो अगर आप उन्हें एक ओवर में देखेंगे, तो अक्सर 15-20 रनों की संभावना रहती है। उनका सबसे बड़ा फायदा यह है कि वह गड़बड़ी में भी शॉट की दिशा को सटीक रख पाते हैं, जिससे फील्डिंग का दबाव कम हो जाता है।

उनकी बैटिंग में दो चीज़ें हमेशा रहती हैं: बॉल को जल्दी पहचानना और टाइमिंग पर भरोसा करना। जब वह डिफ़ेंड करते हैं, तो बॉल का लाइट टच उन्हें बहुत मदद करता है। यही कारण है कि उन्होंने कई बार हाई प्रेशर वाले मैचों में भी टीम को बचाने वाले शॉट्स मारे हैं।

कप्तान के रूप में भूमिका

संजू का कप्तान बनना सिर्फ एक टाइटल नहीं, बल्कि एक नई जिम्मेदारी थी। उन्होंने किंग्स एनर्जी (केके) के कप्तान के तौर पर कई मैचों में बॉर्डरलेस एटिट्यूड दिखाया। वह मैच की स्थिति के हिसाब से फील्ड प्लेसमेंट बदलते हैं और बॉलर को सही पिच पर ले जाने में मदद करते हैं।

कप्तान के रूप में उनका सबसे बड़ा फायदा है उनकी युवा ऊर्जा। वह अक्सर टीम को सकारात्मक विचारधारा में रखते हैं और फॉर्मेशन में लचीलापन लाते हैं। जब टीम में गिरावट आती है, तो वह डायलॉग में “अभी और खेलना है” जैसा मनोबल वृद्धि करने वाले शब्द कहते हैं। इस तरह की बातों से टीम का मनोबल तेज़ी से लौट आता है।

ताकत के साथ साथ, वह अपनी गलतियों से सीखते हैं। एक बार उन्होंने बताया था कि एक फॉर्मेट में लगातार फेल होना एक सीख है, न कि हार। इस सोच ने उन्हें अपनी गेंदबाज़ी को भी बेहतर बनाने में मदद की।

सारांश में, संजू सैमसन सिर्फ एक बल्लेबाज़ नहीं, बल्कि एक पूरी पैकेज खिलाड़ी हैं। उनकी बैटिंग स्टाइल, तेज़ शॉट चयन और कप्तानी की समझ उन्हें भारतीय क्रिकेट में अद्वितीय बनाती है। आगे भी हम उम्मीद कर सकते हैं कि वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर और बड़े खेल दिखाएंगे और भारतीय टीम को नई ऊँचाइयों तक ले जायेंगे।

सितंबर 29, 2025

एशिया कप 2025 फाइनल में गौतम गंभीर पर तीव्र आलोचना, संजू सैमसन को बिन मौका

एशिया कप 2025 फाइनल में भारत ने 168 रन बनाकर हार गिनी, जबकि हेड कोच गौतम गंभीर की रणनीति पर जलते सवाल, संजू सैमसन को बिन मौका मिलने से टीम पर असर पड़ा।