अगले 48 घंटों में उत्तरी भारत के करीब 15 करोड़ लोगों की दिनचर्या बदल सकती है। दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में आज शाम से लेकर कल दोपहर तक भारी बारिश की संभावना है। ये बारिश केवल ठंडक लाने के लिए नहीं — ये जानलेवा हो सकती है।
क्यों बदल रहा है मौसम?
ये बारिश किसी अचानक घटना नहीं है। ये एक बड़े जलवायु नमूने का हिस्सा है, जिसमें बंगाल की खाड़ी से उठा एक गहरा उच्च दबाव क्षेत्र, उत्तर की ओर बढ़ रहा है। इसके साथ ही साइक्लोन मॉन्था का उत्तरी भारत पर प्रभाव पड़ रहा है — भले ही ये आज तक आंध्र प्रदेश के तट पर जमीन छू रहा हो। जब एक तूफान तट पर टकराता है, तो उसका नमी भरा हवा दूर तक फैल जाता है। और अब ये नमी, उत्तरी भारत के ठंडे हवाओं के साथ मिलकर बादलों को बना रही है।
मौसम विभाग के अनुसार, आज शाम से कल सुबह तक दिल्ली में 35-40 मिमी बारिश हो सकती है। ये आमतौर पर एक हफ्ते की बारिश के बराबर है। गाजियाबाद, नोएडा और मेरठ में तो बारिश के साथ हल्की आंधी भी आ सकती है। ये नहीं है कि बारिश बंद हो जाएगी — अगले 72 घंटों तक अलग-अलग समय पर बारिश के अवसर बने रहेंगे।
किन जगहों पर सबसे ज्यादा खतरा?
जहां बारिश ज्यादा है, वहां बाढ़ का खतरा भी। बिहार के दक्षिणी हिस्से — गया, भोजपुर, और पटना — जहां गंगा की शाखाएं पहले से भरी हुई हैं, वहां आंधी के साथ बारिश ने राहत नहीं, बल्कि दुख बढ़ा दिया है। एक नगर निगम के अधिकारी ने कहा, "हमने पिछले 48 घंटों में 12 बार नालियों को साफ किया है। अगर ये बारिश और बढ़ी, तो कुछ इलाकों में पानी घरों में आ सकता है।"
उत्तराखंड के रामनगर और देहरादून में पहाड़ी ढलानों पर भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। यहां के एक ट्रक चालक ने कहा, "मैं इस साल पहली बार देहरादून से हरिद्वार जा रहा हूं — रास्ते में पत्थर और मिट्टी गिर रही है। कल एक बस रुक गई थी।"
हिमाचल प्रदेश के कुमाऊं और चंबा जिलों में तापमान 10 डिग्री तक गिर चुका है। यहां बारिश के साथ बर्फ के टुकड़े भी गिर रहे हैं — एक अजीब मौसमी अनुभव।
क्या इसका असर आम आदमी पर होगा?
हां। और बहुत बड़ा।
दिल्ली के एक ऑटो चालक ने कहा, "मैं रोज 10-12 घंटे चलाता हूं। आज सुबह दो बार रुक गया — पानी में फंस गया। कल कोई न कोई रास्ता बंद होगा।" इसी तरह, उत्तर प्रदेश के एक बाजार व्यापारी ने बताया, "मैं अपने बच्चों के लिए गेंदे और चावल जमा कर रहा हूं। अगर बारिश बंद नहीं हुई, तो बाजार बंद हो जाएगा।"
स्कूल और कॉलेज भी बंद हो सकते हैं। दिल्ली के एक स्कूल प्रबंधक ने कहा, "हमने कल रात ही अपने बच्चों के माता-पिता को सूचना भेज दी है। अगर कल दोपहर तक बारिश बंद नहीं हुई, तो कल का दिन भी बंद रहेगा।"
सड़कों पर ट्रैफिक जाम तो बस शुरू हो रहा है। दिल्ली-एनसीआर के कुछ इलाकों में बारिश के कारण ट्रैफिक सिग्नल बंद हो गए हैं। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "हम अभी भी एक आपातकालीन टीम तैनात कर रहे हैं। ये बारिश अगले 24 घंटों तक जारी रहेगी।"
अगले कदम क्या हैं?
मौसम विभाग ने अगले 72 घंटों के लिए "हरित चेतावनी" जारी की है। यानी — सावधान रहें। आम जनता को अपने घरों के आसपास नालियों को साफ रखने की सलाह दी गई है। बिहार और उत्तर प्रदेश में नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को उच्च जगहों पर जाने की सलाह दी गई है।
दिल्ली के एक मौसम विशेषज्ञ ने कहा, "हमने इस साल पहली बार अक्टूबर में इतनी बारिश देखी है। ये सिर्फ एक बारिश नहीं — ये जलवायु के बदलाव का संकेत है।" उन्होंने बताया कि पिछले 10 सालों में अक्टूबर में दिल्ली में बारिश की औसत मात्रा 12 मिमी थी। इस बार ये तीन गुना हो सकती है।
अगले दिन क्या होगा?
कल शाम तक बारिश धीरे-धीरे कम होने लगेगी। लेकिन अगले तीन दिनों में फिर से बादल बन सकते हैं। ये चक्र अगले हफ्ते तक जारी रह सकता है। अगर ये बारिश जारी रही, तो नवंबर की शुरुआत में दिल्ली में धुंध की स्थिति और बिगड़ सकती है — क्योंकि नमी अभी बाकी है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
इस बारिश का क्या कारण है?
इस बारिश का मुख्य कारण है बंगाल की खाड़ी से उठा गहरा उच्च दबाव क्षेत्र, जो उत्तर की ओर बढ़ रहा है। साथ ही, साइक्लोन मॉन्था के बाद नमी भरी हवाएं उत्तरी भारत में फैल गई हैं। ये दोनों घटनाएं मिलकर अक्टूबर में असामान्य बारिश का कारण बन रही हैं।
क्या ये बारिश बाढ़ का कारण बन सकती है?
हां, खासकर बिहार और उत्तर प्रदेश के नदी किनारे के इलाकों में। गंगा और यमुना की शाखाएं पहले से भरी हुई हैं। अगर बारिश लगातार बनी रही, तो नालियां भर जाएंगी और शहरी इलाकों में पानी घरों में आ सकता है। अभी तक 7 जिलों में आपातकालीन तैयारी शुरू हो चुकी है।
स्कूल और कार्यालय बंद होंगे क्या?
कुछ शहरों में बंद हो सकते हैं। दिल्ली, गाजियाबाद और नोएडा में कई स्कूलों ने कल के लिए बंद रखने की संभावना बताई है। कार्यालयों के लिए तो अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन कई कंपनियां घर से काम करने की सुविधा दे रही हैं।
क्या ये बारिश धुंध को कम करेगी?
अभी नहीं। धुंध के लिए ठंडक और नमी दोनों चाहिए। अभी नमी है, लेकिन ठंडक अभी नहीं है। अगर बारिश बंद हो जाए और तापमान गिर जाए, तो अगले 48 घंटों में धुंध फिर से बन सकती है। ये एक चक्र है — बारिश के बाद धुंध आना सामान्य है।
क्या ये अक्टूबर की बारिश असामान्य है?
हां, बहुत असामान्य। पिछले 10 सालों में दिल्ली में अक्टूबर में औसतन 12 मिमी बारिश होती है। इस बार अभी तक 35 मिमी हो चुके हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि ये जलवायु परिवर्तन का संकेत है — बारिश के समय और मात्रा में बदलाव अब आम हो रहा है।
क्या हिमाचल में बर्फ के टुकड़े गिरना सामान्य है?
नहीं, ये असामान्य है। हिमाचल में अक्टूबर में बर्फ के टुकड़े गिरना पहली बार हुआ है। ये उच्च ऊंचाई पर तापमान के अचानक गिरने का संकेत है। वैज्ञानिक इसे "अतिरिक्त नमी के साथ ठंडक का असंगत मिश्रण" कह रहे हैं — जो जलवायु असंतुलन का एक लक्षण है।